मोबाइल मिल जाती अगर गोकुल से मथुरा तक, कान्हा का वियोग राधा को बिलखाते क्यों
छोटी सी टूटी चारपाई मिल जाती अगर विष्णु को, तो शेषशय्या पर सेज सजाते क्यों - स्वामी प्रपन्नाचार्य
शिवरीनारायण - माता शबरी और भगवान नारायण के नगरी शबरीनारायण नगर के मठ मंदिर परिसर में संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें नगर सहित आसपास के श्रद्धालु भक्तजन भगवान श्री राम सीता कथा श्रवण करने पहॅच रहे हैं। साथ ही साथ साधुसंत भी बहुत अधिक संख्या में पहुॅच रहे हैं। चित्रोत्पला महानदी त्रिवेणी संगम के पावन तट पर श्री शिवरीनारायण मठ महोत्सव में उपस्थित श्रोताओं को श्री रामचरित मानस की कथा का रसपान कराते हुए स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी ने कहा कि यह हम सभी का परम सौभाग्य है कि भक्तिमयी माता शबरी की पावन धरा में भगवान श्री राम कथा कहने और सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पुराने समय के अपेक्षाकृत वर्तमान समय में बहुत ही ज्यादा बदलाव आ गया है अर्थात समय हमेशा परिवर्तनशील है। आज दूर दूराज स्थान पर रहने वाले व्यक्ति से कभी भी वार्तालाप किया जा सकता है। पुराने समय में अगर मोबाईल रहती तो श्याम सॉवरे कान्हा का वियोग राधारानी को ईतना बिलखाती क्यो। अगर एक छोटी सी टूटी हुई चारपाई मिल जाती भगवान विष्णु को तो वे शेषनाग पर अपनी सेज क्यों बनाते। अगर अग्निशमन (फायर ब्रिगेड) मिल जाते लंकाअधिपति रावण को तो क्या एक वानर से पूरी लंका में आग लग पाता क्या। पुराने समय और आज के वर्तमान समय में बहुत बदलाव आ गया हैं। आचार्य ने आगे कहा कि जीवन में संघर्ष से भागना नहीं अपितु जागना सीखें जो जागना सीख जाते हैं उनका जीवन सफल हो जाता है। भगवान श्री राम जी और कृष्णा जी के जीवन में कितनी समस्याएं आई है, उतना कष्ट किसी के जीवन में नहीं आयोगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी धर्मस्थल, मंदिर, देवालय, धार्मिक स्थल पर भगवत कथा हो रही हो तब निमंत्रण की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए वहां पहुंचना ही सौभाग्य की बात है। मंच पर महामंडलेश्वर राजेश्री डॉक्टर महंत रामसुन्दरदास जी महाराज उपस्थित रहे।
साथ ही साथ मठ मंदिर के मुख्तियार सुखराम दास,मठ मंदिर के पुजारी रामेश्वर दास त्यागी,मीडिया प्रभारी निर्मलदास वैष्णव एवं आसपास के क्षेत्र वासी आमजन मानस राम कथा का आनंद लेते हुए नजर आए
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