Monday, February 12, 2024

छत्तीसगढ़ युवा साहित्य रत्न से सम्मानित हुए कवि हीरामणी वैष्णव

शिवरीनारायण || मशहूर शायर बशीर बद्र का एक शेर है कि "जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है, आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा"



 और इसी शेर को सच साबित करते हुए कोरबा ही नहीं वरन प्रदेश के युवा होनहार कवि हीरामणी वैष्णव इस वर्ष नेताजी आनंद सिंघानिया स्मृति "युवा साहित्य रत्न" के खिताब से नवाजे गए. अपनी कला, संस्कृति, साहित्य और संगीत के अनूठे आयोजनों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध श्री साईंनाथ फाउंडेशन के बैनर तले फाउंडेशन के इस वर्ष होटल ग्रैंड नीलम, रायपुर में आयोजित "रंग संगीत-संस्करण 3" में श्री वैष्णव को इस सम्मान से सम्मानित किया गया. श्री साईं नाथ फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध ग़ज़लकार व लेखक आशीष राज सिंघानिया द्वारा उनके पिता जी स्मृति में प्रतिवर्ष दिया जाने वाला यह सम्मान इससे पूर्व 2020 में दुर्ग के युवा ओजस्वी कवि मयंक शर्मा, 2021 में रायपुर के प्रसिद्ध उपन्यासकार एएसपी अभिषेक सिंह, 2022 में जशपुर की युवा लेखिका अंकिता जैन, 2023 में मुंगेली से ओज के सुप्रसिद्ध कवि देवेंद्र परिहार को दिया जा चुका है. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. संजय अलंग (संभाग आयुक्त, रायपुर) तथा अध्यक्षता वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने की. जबकि अतिविशिष्ट अतिथि की भूमिका में योगेश अग्रवाल (अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम) तथा विशिष्ट अतिथि की भूमिका में तीरंदाज न्यूज़ के संस्थापक मयंक चतुर्वेदी एवं वरिष्ठ साहित्यकार व भाषाविद नर्मदा प्रसाद मिश्र "नर्म" रहे. इस अवसर पर श्री पंकज को भी सरस्वती बुक्स द्वारा सरस्वती साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया.ज्ञात हो कि भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) में प्रोसेस टेक्नीशियन के पद पर तैनात रहते हुए भी अपनी हास्य कविताओं का डंका पूरे देश में बजाने वाले हीरामणी वैष्णव ने विगत एक दो वर्षों में ही प्रदेश ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में अपनी प्रस्तुति देकर पूरे अंचल को गौरवान्वित कर चुके हैं. श्री वैष्णव मां शबरी की तपोभूमि शिवरीनारायण अंचल में बलौदाबाजार ज़िले के एक छोटे से गांव खपरीडीह से चलकर दूरदर्शन और आकाशवाणी के अलावा तारक मेहता के नाम से प्रसिद्ध शैलेष लोढ़ा के संचालन में शेमारू टीवी पर प्रसारित होने वाले सुप्रसिद्ध टीवी शो "वाह भाई वाह" में भी प्रस्तुति देने का कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं. उन्होंने हमसे बातचीत में कहा कि यह सम्मान उनके जीवन का पहला आधिकारिक सम्मान है जो उनकी यात्रा को और भी ऊँची उड़ान के प्रेरित करेगा. उन्होंने अपनी सफ़लता का पूरा श्रेय अपनी मां धनेश्वरी बाई वैष्णव, बहन पूजा वैष्णव, गुरुमाता मधु देवांगन, भारती यादव, डॉ. हरि यादव, खगेश वैष्णव, दुर्गा सिंघानिया, मनोज तिवारी, डॉ. सत्यम बंजारे, संतराम पटेल, पूरन पटेल, संतोष वैष्णव, अरुण वैष्णव, गिरवर कैवर्त्य, हीरामणी साहू, सोनू चौहान के अलावा कवि बलराम राठौर, मुकेश चतुर्वेदी, दिलीप अग्रवाल, डॉ. के के चंद्रा, सुनील शर्मा नील, अमित दुबे, बंशीधर मिश्रा, हिमांशु हिंद, नरेंद्र गुप्ता, दाता दीवाना, डिकेश्वर साहू के अलावा अपने दोनों भाई पूर्णानंद वैष्णव एवं पंकज वैष्णव सहित बालको में उनके डिपार्टमेंट हेड निकेत श्रीवास्तव, प्रकांत सिन्हा, मनोज रमैया तथा शिफ्ट सुप्रीटेंडेंट धनेश वर्मा, संतोष साहू, अनूप तिर्की, जैनेद्र शर्मा, कर्ना वी, सी एच मुरली, शैलेंद्र जायसवाल, रविन्द्र भौमना, अविनाश साहू सहित समस्त सहकर्मी बंधुओं को दिया जिन्होंने प्रत्येक परिस्थिति में हर संभव सहयोग प्रदान कर इस मुकाम तक पहुंचाने में अपना विशेष योगदान दिया.

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