Saturday, August 26, 2023

छतीसगढ़ निषाद (केवट) जिला बेमेतरा का बैठक सामाजिक भवन कंतेली बेमेतरा में सम्पन्न।

आज दोपहर 12 बजे से कंतेली (बेमेतरा) में जिला स्तरीय निषाद (केवट) समाज का बैठक मुख्य अतिथि बोधी राम निषाद पूर्व प्रदेश महासचिव 

छ. ग. निषाद (केवट) समाज एवं जिलाध्यक्ष दिलीप निषाद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमे प्रमुख रूप से 5 सितंबर टाउन हाल कंतेली में महराजा गुह निषाद चौक एवं परिक्षेत्रीय निषाद सामाजिक भवन मोहभट्टा की भूमि पूजन पर चर्चा किया गया एवं अपील किया गया की अधिक से अधिक समाज के वरिष्ठ, युवा, माताए, बहने अधिक से अधिक संख्या में सभी 25 परिक्षेत्रो से कार्यक्रम में उपस्थिति सुनिश्चित करे। पूर्व प्रदेश महासचिव बोधी राम निषाद ने उपस्थित समाज को सादर प्रणाम करते हुए अपनी उदबोधन में कहा की छ. ग. निषाद (केवट) समाज हमेशा से गौरवशाली रहा है प्रत्येक युग में हमें केवल अपनी ताकत पहचानने की आवश्यकता है और उसे एकजुटता के साथ उपयोग करने की आवश्यकता है आज सम्पूर्ण छतीसगढ़ में निषाद (केवट) समाज बेमेतरा विधानसभा सहित 25 से अधिक विधानसभा में 5.5%  से अधिक भागीदारी है लेकिन उन्हें आज तक राजनितिक भागीदारी नहीं मिली है अब अवसर है सामाजिक, सांस्कृतिक, शिक्षा के साथ साथ समाज में सक्रिय लोगो को राजनितिक दल अवसर दे और उन्हें चुनकर भेजना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमें अपने कार्यों के साथ साथी समाज के अंतिम व्यक्ति का जीवन स्तर उठाने में भी कार्य करने की जरूरत है जिन्हे हम सब मिलकर समाज के एक एक व्यक्ति का जीवन स्तर भी ऊपर उठे विचार करने की जरूरत है, नशामुक्त समाज हो इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, माताए, बहने एवं युवा साथियों का भी समाज में भागीदारी बड़े इस पर भी गहन विचार हो, आज हमारा समाज इतनी बडी जनसंख्या होने पर भी उनका भागीदारी न के बराबर मिला इसे भी सोचने की आवश्यकता है। आज देश पूरी दुनिया में एक शक्तिशाली सम्पन्न हो रही है और आतंकवादी गतिविधियां भी अपनी जड़े सिकुड़ रही है यह केवल देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही कारण है। आज हम चद्रयान 3 की सफलता किसी से छिपी नहीं है इसलिए हम सबको जो देश के विकास में अपना जीवन समर्पित कर दिया है उनके लिए खड़ा रहने की जरूरत है। कार्यक्रम को राजकुमार निषाद प्रदेश अध्यक्ष निषाद पार्टी छ. ग. एवं जिलाध्यक्ष दिलीप निषाद ने भी सम्बोधन किया। मंच संचालन नरेंद्र निषाद, रेवा राम निषाद ने किया। प्रमुख रूप से रामग़ुलाल निषाद, बाबूलाल निषाद, ज्ञान प्रसाद निषाद, दुखम निषाद, गिरधारी निषाद, संतोष निषाद, विश्राम निषाद, भगवानी निषाद, देवप्रसाद निषाद, हीरामनी निषाद, डॉ हरिहर निषाद, फागु निषाद, लीला राम निषाद, नरेंद्र निषाद, बलराम निषाद, पंचू निषाद, टीकू निषाद, बुधारू निषाद सैकड़ो के संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।







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