Wednesday, June 21, 2023

आयुर्वेदिक काढ़ा पीकर स्वस्थ हो हुए प्रभु,भक्तो को दर्शन देने निकलें।

शिवरीनारायण।नगर में 20 जून मंगलवार को निकली  रथयात्रा ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन महास्नान करने के पश्चात भगवान जगन्नाथ स्वामी बीमार पड़ गए थे।

भगवान के अस्वस्थ होने के कारण मंदिर के पुजारी भगवान की देखभाल में लगे हुए थे।भगवान जगन्नाथ को नियमित रूप से विभिन्न जड़ी बूटियों को पीसकर विशेष किस्म का काढ़ा बनाकर सुबह शाम पिलाया जा रहा था।ताकि भगवान की सेहत में सुधार हो सके।नियमित काढ़ा के सेवन से भगवान के स्वास्थ्य में सुधार हो आया।भगवान के स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ अपने भक्तो को दर्शन देने के लिए 20 जून को नगर भ्रमण के लिए निकलें। रथयात्रा का पर्व धूम धाम से मनाया गया।शिवरीनारायण मंदिर में इन दिनों रथयात्रा की तैयारियां जोर शोर से हो रही हैं।भगवान के विराजित होने वाले  रथ का रंगरोगन किया जा गया हैं।इस वर्ष रथयात्रा का पर्व 20 जून को पड़ रहा हैं। सोमवार को मंदिर में नेत्रोत्सव का पर्व मनाया गया था। लंबे समय से बीमार होने के कारण भगवान के नेत्रों की रोशनी कम हो जाने के कारण नेत्रोत्सव के दिन भगवान जगन्नाथ जी के नेत्रों में एक विशेष प्रकार का अंजल काजल लगाया जाता हैं।जिसके कारण भगवान के आंखों की नेत्र ज्योति बढ़ती हैं।नेत्रोत्सव के दिन भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया जाता हैं।इसके दूसरे दिन भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ अपने भक्तो को दर्शन देने के लिए रथ में सवार होकर अपने मौसी के घर जाते हैं।नगर की रथयात्रा बड़े मंदिर से निकलकर वार्ड नंबर 1 में स्थित जनकपुर सिंदूर गिरी में विश्राम करते हैं।रथयात्रा के एक सप्ताह के बाद पुनः भगवान अपने धाम को लौट आते हैं।


भगवान जगन्नाथ के दर्शन  कर आनंदीत हुए भक्त।


भगवान जगन्नाथ के अस्वस्थ होने के कारण मंदिर के पुजारी भगवान की देखभाल में लगे रहते थे।मंदिर के पठ बंद होने के कारण से भक्त भगवान का दर्शन लाभ नहीं ले पा रहे थे।रथयात्रा के दिन  भगवान दीनानाथ अपने भक्तो को दर्शन दिये।


काढ़ा का प्रसाद लेने से भक्त रहते हैं निरोगी।


भगवान जगन्नाथ के अस्वस्थ हो जाने के समय जड़ी बूटियों को पीसकर बनाए गए विशेष किस्म के काढ़े को भगवान को पिलाने के बाद प्रसाद स्वरूप भक्तो को बांटा जाता था।भक्तो के बीच ऐसी मान्यता हैं कि प्रसाद रूपी काढ़े को पीने से भक्त सालभर तक निरोगी रहते हैं।इसलिए इन दिनों मंदिर में भगवान को काढ़ा पिलाने के बाद काढ़े का प्रसाद भक्तो में बाटा जाता हैं।भक्त सुबह शाम काढ़े का प्रसाद लेने मंदिर पहुंचते हैं।


अंचल में प्रसिद्ध हैं नगर की रथयात्रा।


शिवरीनारायण में निकलने वाली रथयात्रा को देखने आसपास  50 गांवों से लोग आते हैं।शिवरीनारायण की रथयात्रा पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हैं। ऐसी मान्यता हैं कि यहां की रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ का दर्शन लाभ पाना यानी  उड़ीसा के जगन्नाथ स्वामी के दर्शन जैसा पुण्य लाभ मिलता हैं।इसलिए आसपास गांवों के लोग उत्साह के साथ रथयात्रा देखने बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।रथयात्रा के दौरान भगवान के रथ को खींचने के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ती हैं।भक्त भगवान का रथ थाम पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।



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