Monday, June 12, 2023

उत्तर प्रदेश केबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद जी का आगमन 13,14 जून बिलासपुर छत्तीसगढ़

समस्त सामाजिक गणमान्य नागरिक उत्साहित है

दो दिवसीय प्रवास 13,14 जून 2023 बिलासपुर छत्तीसगढ में  मछुआ समाज को एक नई पहचान दिलाने वाले भारत ही नहीं पूरी दुनिया में  जय निषाद राज की गूंज का कीर्तिमान स्थापित करने वाले और मछुआ आरक्षण को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने वाले निषाद पार्टी के राष्ट्रीय  अध्यक्ष महामना डॉ. संजय निषाद जी वीरांगना बिलासा देवी के द्वारा बसाया गया छत्तीसगढ की न्यायधानी बिलासपुर आ रहे है,इस पर छत्तीसगढ के मछुआ समाज केंवट, निषाद, बिंद, भोई, मल्लाह, धीवर, ढीमर, कहार समस्त मछुवारा आम समाज गणमान्य नागरिक सहित बुद्धजीवी वर्ग उत्साहित है, छत्तीसगढ में  राजनीति में हलचल तेज मछुआ समाज के प्रमुख लोग भी महामना से सौजन्य भेट मुलाकात कर सामाजिक एवम राजनीतिक चर्चा करेंगे क्योंकि छत्तीसगढ़ में आगामी कुछ माह में विधानसभा 2023 सम्पन्न होना, छत्तीसगढ में छत्तीसगढ़ केबिनेट मंत्री दर्जा माननीय एम. आर. निषाद जी अध्यक्ष मत्स्य बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन एवम माननीय कुंवर सिंह निषाद जी संसदीय सचिव गुण्डरदेही विधायक के नेतृत्व में विधान सभा 2018 में कांग्रेस की नईया पार लगी और सत्ता में कांग्रेस आई अब नई चुनौती बनकर उभर रही है क्या मछुआ समाज के सामान्य मछुवारा को जीवन में बदलाव आया शासन के योजनाओं का लाभ मिला या नही   यह निर्भर करेगा , वही भाजपा क्या मछुवारा समाज को साधने पर कामयाब होंगे , वही निषाद पार्टी का क्या भूमिका हो सकती है क्योंकि उत्तर प्रदेश में एन डी ए में शामिल है और वहा भाजपा की सरकार पुनः दुबारा बन पाई जहा मछुआ समाज 18% की  आबादी है , अब देखना है की छत्तीसगढ में मछुआ समाज की आबादी 10 % है जिसमे 25 से 30 विधानसभा ऐसा है जहा से आसानी से चुनाव मछुआ समाज के भरोसे जीता जा सकता है जो सरकार बनाने में अहम रोल साबित होगा क्योंकि मछुवारा समाज अब किसी के बहकावे मे नही आने वाला है ,इसलिए उत्तर प्रदेश केबिनेट मंत्री का प्रवास बहुत बड़ी मायने रखता है पूर्व प्रांतीय महासचिव बोधी राम निषाद जी ने निषाद (केवट)समाज के साथ साथ सामाजिक एवम राजनीतिक महानुभावों से अपील किया है की अधिक से अधिक संख्या में सौजन्य भेट मुलाकात करे चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी विचारधारा के धुरी में है क्योंकि आने वाला समय मछुआ आरक्षण ही मुद्दा मछुवारा के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के साथ साथ महत्वपूर्ण मांग है जो अभी तक अधर में है ।



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