Monday, February 14, 2022

हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया गद्दी महोत्सव का पर्व शिवरीनारायण मठ मंदिर में

 

माघ शुक्ल त्रयोदशी तथा आश्विन शुक्ल दशमी को वर्ष में दो बार मनाया जाता है गद्दी महोत्सव शिवरीनारायण मठ में

शिवरीनारायण। चित्रोत्पला गंगा के पावन तट पर युग युगांतर से विराजित भगवान श्री शिवरीनारायण की पावन धरा में मनाए जाने वाला गद्दी महोत्सव का पर्व शिवरीनारायण मठ मंदिर में बड़े ही हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज सायं कालीन बेला में अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम 5:00 बजे शिवरीनारायण मठ पहुंचे। शाम 6:00 बजे गद्दी महोत्सव का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ उन्हें मंत्रोच्चार के साथ मठ से गद्दी उत्सव स्थल तक ले जाया गया जहां विधिवत हवन -पूजन का कार्यक्रम संपन्न होने के पश्चात राजेश्री महन्त जी महाराज सात परिक्रमा पूर्ण करने के बाद गद्दी पर विराजित हुए। श्री जगदीश मंदिर के पुजारी त्यागी जी महाराज ने सबसे पहले राजेश्री महन्त जी महाराज की तिलक लगाकर आरती की। उन्हें साल, श्रीफल, पुष्पमाला, द्रव्य आदि अर्पित करके आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके उपरांत मठ मंदिर के मुख्तियार श्री सुखराम दास जी, राम मंदिर के पुजारी नागा जी महाराज एवं पुजारी परिवार के लोगों ने बारी-बारी से पूजा अर्चना की। मठ मंदिर के ट्रस्टी गण, संत महात्मा, तथा नगर के गणमान्य नागरिकों एवं शिवरीनारायण क्षेत्र तथा दूर दराज से आए हुए गणमान्य नागरिकों ने भी बारी- बारी से पूज्य महाराज जी की पूजा अर्चना करके आशीर्वाद प्राप्त किया। अंततः महाराज जी भगवान शिवरीनारायण के दरबार में उपस्थित हुए, पूजा- अर्चना, आराधना करके उन्होंने विश्व कल्याण की कामना की।

भव्य सजावट की गई उत्सव स्थल की- शिवरीनारायण मठ मंदिर प्रशासन के द्वारा गद्दी उत्सव स्थल की पुष्प मालाओं से भव्य सजावट की गई थी! विद्युत की रोशनी तथा उत्तम ध्वनि विस्तारक यंत्रों के द्वारा भक्ति पूर्ण गीतों से संपूर्ण माहौल भक्तिमय हो चुका था।

लोट मारते हुए आने वाले लोगों की लगी रही तांता- शिवरीनारायण में जमीन पर लोट मारते हुए भगवान के दर्शन के लिए आने वालों की परंपरागत भीड़ रहती है, यह सिलसिला माघ शुक्ल एकादशी के पूर्व ही प्रारंभ हो जाता है। तेरस और पूर्णिमा के आते-आते इनकी संख्या काफी अधिक हो जाती है। लोग एक तरफ जहां लोटमारते हुए भगवान के दरबार पर पहुंच रहे थे, वहीं दूसरी ओर दर्शन करके वापस होते हुए सब गद्दी उत्सव स्थल में महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त करने में लाइन में खड़ा होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

देर रात तक चलता रहा सिलसिला- गद्दी महोत्सव के पावन अवसर पर देर रात तक लोगों का तांता लगा रहा समाचार लिखे जाने तक यह क्रिया जारी थी।

गद्दी महोत्सव के पश्चात लोगों की निगाह महा आरती पर टिकी- शिवरीनारायण मठ में गद्दी महोत्सव संपन्न होने के पश्चात अब लोगों की निगाहे माघी पूर्णिमा के संध्या कालीन बेला में आयोजित होने वाली चित्रोत्पला गंगा की महा आरती पर टिकी हुई है। विगत वर्ष महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर बाबा घाट में भव्य महा आरती का आयोजन हुआ था। द्वितीय वर्ष इसका बेहतरीन आयोजन होने जा रहा है इसे गरिमा पूर्ण बनाने के लिए चांपा सेवा संस्थान के सदस्यों एवं पदाधिकारियों का दो बार शिवरीनारायण दौरा संपन्न हो चुका है। इस पर सभी लोगों की निगाहें टिकी हुई है कारण कि यह आयोजन ऋषिकेश, हरिद्वार, प्रयागराज और सरयू जी अयोध्या की तरह काफी भव्य एवं गरिमा पूर्ण भक्तिमय होता है। लोग अपने स्थान में इस तरह के भक्ति पूर्ण आयोजन को देखकर काफी आह्लादित नजर आते हैं।


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